चंद्रवंशी आवाज!

नमस्कार चंद्रवंशी भाईयों...

"हम इस पेज के माध्यम से आपसे आशा करते है कि आप हमे सहयोग दे एवं इस पेज से हमारे समाज के अन्य व्यक्तियों को जोड़ने का प्रयास करे...ताकि पुरे भारतवर्ष के चंद्रवंशी ( कहार) समाज एक मंच पे आ सके...आज सोशल मिडिया का जमाना...अगर हम-आप इस पेज के माध्यम से शिक्षित वर्ग का एक समुह बनाते है...तो पुरें सोशल मिडिया पे हम छा जायेगे...और असानी से हम पुरे भारतवर्ष के चंद्रवंशी समाज को एक सूत्र मे पिड़ोनें में कामयाव हो सकेगें...
"आईयें! जुड़िये! जोडी़ये! अगर सच में आप अपनें समाज के लिए कुछ कर गुजरनें की तमन्ना दिल में रखतें हैं|"

"चंद्रवंशी क्षत्रिय समाज भारतवर्ष का प्राचीनतम क्षत्रिय समाज है चन्द्रवंश की स्थापना राजा बुद्ध ने अपने पिता चन्द्रदेव के नाम से चन्द्रवंश की स्थापना प्रतिष्ठानपुरी (वर्तमान झूसिप्रयाग अलाहाबाद ) में की थी !
इस समाज ने संपूर्ण अर्याव्रत्त में पांच हज़ार वर्षों तक राज्य किया है इस वंश में भारत में समय समय पर महान प्रतापी राजाओ का जन्म हुआ है ! जिसमे से विश्व में भारत में भगवान श्री कृष्णा चन्द्र प्रशिद्ध है तथा महा भारत के पांडव प्रशिद्ध है जो की चन्द्रवंश में ही है...
भारत में समय समय पर शको ने , ह्युंद , मुग़लों ने , अंग्रेजों ने शासन किया है इन सभी शासन काल में मुग़ल काल (मुस्लिम) में क्षत्रियो का सबसे ज्यादा विनाश हुआ है ! इस काल में क्षत्रियो , राजपूतो की सबसे ज्यादा हानि हुई है इस काल में क्षत्रियो की नयी नयी जाती बन गयी जिसमे से एक जाती कहार विश्व प्रसिद्ध है जिनसे बेगमो की डोलिया उठवायी गयी है तथा पानी पिलाने का कार्य एवं भरवाने का कार्य करवाया गया है...
वैसे ये कहार जाति मूल रूप से क्षत्रिय राजपूत है क्योंकि संपूर्ण इतिहास एवं साहित्य वेद एवं स्मृतियाँ में कहार शब्द का उल्लेख नहीं है यह कहार शब्द वर्ष 1303 ईसवी में प्रचलन में आया है इस प्रकार यह कहार जाति वर्ष १३०३ के बाद बनी है इस कहार जाति में छत्तीस जाति के राजपूत ही कहार है इस जाति में भारत के विभिन्न विभिन्न प्रदेशो में इस जाति को भिन्न भिन्न नामो से जाना जाता है...
जैसे: कहार, रमानी, रवानी, चंद्रवंशी , धींवर , कश्यप , कश्यप राजपूत , मेहरा , मेहरोत्रा , मल्होत्रा , कपूर , टंडन , रत्रा, परदेशी,भोई, बुंदेली भोई,कहार भोई, राज भोई, धिमर, झीमर,,,,,आदि!
"कहार समाज को जिस पारंपरिक कार्य में बाध के रखा गया था और जीने के अधिकार से बंचीत रह गए थे आज भारतवर्ष कई प्रदेशों विदमान है...मगर जानकारी की आभाब में एक-दुसरे से वंचित है...काश्मीर से कन्याकुमारी तक अपने समाज के लोगो को मानचित्र के माध्यम से देख सकते है...
तो शुरु हो जाईए अपने समाज को एक मंच पे लाने को, जब भी समय मिलें...तो जोड़िये इस पेज से अपने समाज को...ताकि हसिए पे हमारे समाज को आर्थिक एवं सामाजिक तथा सही पहचान मिल सकें!
जय चंद्रवंशी समाज!
जय भारत!
देंव@

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"★★★डिस्ट्राय डाउरी नाट डाटर'★★★♪"